Bollywood movie paisa kaise kamata hai
Bollywood movie paisa kaise kamate hai
दोस्तों हमलोग बॉलीवुड फिल्म के बहुत बड़े दीवाने होते है कभी कोई मनपसंद बॉलीवुड( bollywood ) फिल्म आती है तो हमलोग चले जाते है थिएटर में देखने या दोस्तों घर पर ही मोबाइल या टीवी में देखते है लेकिन दोस्तों कभी आपने सोचा की ये जो फिल्म हमलोग देखते है वो फिल्म बनता कैसे है एक फिल्म को कौन बनाता एक फिल्म बनाने में कितने पैसा लगते है इनमे हीरो और हेरोइन कितना पैसा कमाते है प्रोडूसर कौन होता है डिस्ट्रीब्यूटर कौन होता है और ये लोग मूवी थिएटर में लगने से पहले पैसा कैसे कमा लेते है आज सबकुछ जानेंगे इस पोस्ट के अंदर यानी बॉलीवुड इंडस्ट्री की पूरी कहानी जानेंगे इस पोस्ट में तो पोस्ट को कंटिन्यू पढ़ते रहिये इसमें मैंने आपको पूरे डिटेल में बताया बॉलीवुड इंडस्ट्री की पूरी कहानी पोस्ट हो सकती है थोड़ी लम्बी लेकिन दोस्तों उम्मीद करता हूँ पोस्ट आपको पसंद आएगी।
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*दोस्तों आज हम बॉलीवुड इंडस्ट्री के बारे पूरे बेसिक से जानेंगे की एक बॉलीवुड फिल्म किन किन लोगों ने मिलकर बनाते है इनमे कितने ग्रुप होते है कैसे किसका काम होता है आज सबकुछ जानेंगे इस पोस्ट के अंदर।
दोस्तों मान लीजिये मुझे एक बॉलीवुड (bollywood) मूवी बनवाना है। और उसके लिए लगेंगे पैसे तो दोस्तों एक फिल्म बनाने में सबसे ज्यादा पैसे कौन लगाता है जानेंगे आगे अब यहां बात आती है एक बॉलीवुड फिल्म की जो लगभग 3घंटे की होती है और ये तीन घंटे की मूवी किन-किन लोग मिलकर बनाते है । दोस्तों अगर मुझे बनवानी है एक फिल्म तो मुझे जाना होगा सबसे पहले एक प्रोडूसर् (producer) के पास।
अब बात आती है प्रोडूसर कितना पैसा लगाएगा एक फिल्म को बनाने में तो दोस्तों सबसे पहले जान लेते है की एक बॉलीवुड फिल्म बनती कैसे है।
दोस्तों एक फिल्म बनाने से पहले बनायीं जाती है फिल्म की पूरी स्टोरी जो की सारा कुछ इस स्टोरी में लिख दिया जाता है जैसे इस फिल्म में कौन से डायलॉग suitable रहेगा कौन से गाने या फिर कौन से हीरो(actor), हीरोइन (heroine) सूटेबल रहेंगे इस फिल्म में सारा कुछ लिख दिया जाता है अब दोस्तों बन जाते है पूरी की पूरी स्टोरी एक फिल्म का। दोस्तों स्टोरी लिखने समय ये धयान रखना होता है की इस फिल्म में कौन से एक्टर सूटेबल रहेगा उन्ही को सेलेक्ट किया जाता है मान लीजिये सलमान खान इस फिल्म के लिए सूटेबल रहेंगे तो उन्हें देना होगा 70 करोड़ अगर शाहरुख़ खान या आमिर खान है तो उन्हें देना होगा 60 करोड़ और यदि अक्षय कुमार है तो उन्हे देना होगा 50 करोड़ एक्टर सेलेक्ट होने के बाद बात आती है लोकेशन का कहाँ-कहाँ ये फिल्मे सूट करना है तो उसके सारे खर्च जैसे जिस लोकेशन में जाकर फिल्म सूटिंग करना तो जाने का खर्च फिर किसी होटल में रुकेंगे वे सारे लोग तो सारा खर्च प्रोडूसर को ही करना पड़ता है अब मान लीजिये एक हार्ड डिस्क में पूरी मूवी बनकर हो जाती है तैयार। अब भला मूवी में जितने खर्च होने थे सारा का सारा खर्च प्रोडूसर ने कर दिया अब बात आती है की प्रोडूसर ने 100cr. खर्च कर दिए एक मूवी बनाने में अब प्रोडूसर कैसे कमाएंगे अभी तक तो उन्होंने सिर्फ खर्च किया अब आगे जानेंगे प्रोडूसर का फायदा कैसे होगा। दोस्तों प्रोडूसर(producer) के बाद जरुरत होती है एक डिस्ट्रीब्यूटर (distriobutor) का डिस्ट्रीब्यूटर कौन होता है जानेंगे पूरे डिटेल में।
डस्ट्रीब्यूटर वे होते है जो किसी भी मूवी को रिलीज़ करवाते है जैसे प्रोडूसरत ने एक मूवी तो बनाकर हार्ड डिस्क में रख दिया अब बात आती है की मूवी को रिलीज़ कैसे कराना है तो जो मूवी को रिलीज़ करवाते है वही डिस्ट्रीब्यूटर होते है। डिस्ट्रीब्यूटरत मूवी कैसे रिलीज़ कराते है अब आगे जानेंगे। दोस्तों मान लीजिये डिस्ट्रीब्यूटर को मूवी रिलीज़ कराना है तो डिस्ट्रीब्यूटर को वो मूवी खरीदना होगा जो प्रोडूसर ने बनाया था मान लीजिये प्रोडूसर ने मूवी 100cr में बनाई थी अब वो वही मूवी डिस्ट्रीब्यूटर को 150cr में बेचेंगे तभी तो प्रोडूसर को फायदा होगा नहीं तो अगर वो 100cr से निचे बेचेंगे तो उनका नुकशान हो जयेगा अब डिस्ट्रीब्यूटर ने मूवी 150cr में खरीद लिया प्रोडूसर से अब पूरी मूवी आ गयी डिस्ट्रीब्यूटर के हाथ में अब यहां प्रोडूसर का कोई काम नहीं है अब सारा काम डिस्ट्रीब्यूटर ही करेंगे जैसे मूवी का प्रचार (ad) बड़े बड़े पोस्टर या टेलीविज़न में की ये मूवी इतने तारिक को लगने वाले है इन थिएटर में जरूर जाए देखने तो मान लीजिये डिस्ट्रीब्यूटर ें 25-30cr लगा दिए मार्केटिंग खर्च में अब भला डिस्ट्रीबटोर तो अभी सिर्फ खर्च ही कर रहा है उनका कोई फायदा नहीं हो रहा डिस्ट्रीब्यूटर का फायदा कैसे होगा जानेंगे डिटेल में।
दोस्तों जब डिस्ट्रीब्यूटर ने प्रोडूसर से मूवी खरीद लिया उसके बाद उन्होंने मार्केटिंग में भी खर्च कर दिया। प्रोडूसर ने तो डिस्ट्रीब्यूटर को मूवी बेचकर फायदा कमा लिया अब जानेंगे की डिस्ट्रीब्यूटर का फायदा कैसा होगा दोस्तों आपने callar tune तो सुना ही होगा जब आप किसी को कॉल करते हैं तो जो गाना या डायलॉग बजता है वही caller tune होता तो डिस्ट्रीब्यूटर ने बड़ी -बड़ी जो caller tune की कंपनियां होती है उन्हें मूवी या सांग को बेचकर पैसे कमा लेते है फिर कभी-कभी आपने देखा होगा की थिएटर में मूवी रिलीज़ होने से पहले टेलीविज़न के कोई चैनल में उन मूवी का सांग बजते हुए तो वहाँ भी डिस्ट्रीब्यूटर ने उस चैनल को मूवी के सांग या डायलॉग बेचकर पैसा कमा लेते है फिर सबसे बड़ी तो sattelite (टेलीविज़न में जो चैनल होता है मूवी की वही sattelite होती है ) को बेचकर डिस्ट्रीब्यूटर पैसा कमा लेते हैं दोस्तों क्या आपको पता है थिएटर में मूवी रिलीज़ होने से पहले टेलीविज़न चैनल जो होती है मैक्स, ज़ी सिनेमा वो उस मूवी को खरीद लेते है डिस्ट्रीब्यूटर से इससे उनका फायदा हो जाता है अब कभी कभी आपने देखा होगा पेट्रोल पंप में जो मूवी रिलीज़ होने वाला है उनका गाना या डायलॉग बज रहा है तो उनके राइट्स अलग होते है उससे भी डिस्ट्रीब्यूटर का फायदा हो जाता है फिर कभी-कभी आपने बस या फ्लाइट में सफर कर रहे होते है तो वहां भी वही मूवी दिखाई जाती है जो मूवी थिएटर में रिलीज़ होने वाला है अब इनके राइट्स अलग होते है यहां भी डिस्ट्रीब्यूटर ने बस या फ्लाइट वालों को मूवी या सांग बेचकर पैसा कमा लेते है।
दोस्तों मूवी थिएटर में रिलीज़ होने से पहले प्रोडूसर और डिस्ट्रीब्यूटर पेपर में पैसा छाप लेते है दोस्तों यहां एक बात और है अगर प्रोडूसर ही डिस्ट्रीब्यूटर है उनको आता है की मूवी को रिलीज़ कैसे करना है तो उनका और ज्यादा फायदा है क्योंकि आगे जितना भी प्रॉफिट होगा वो सारा का सारा प्रोडूसर के पास आएगा अगर वही डिस्ट्रीब्यूटर होगा तो नहीं तो अगर जितना फायदा होगा वो पहले डिस्ट्रीब्यूटर को जायगे फिर उसमे कट होकर प्रोडूसर को जायेगा तो यहां एक और बड़ी बात हो गयी। अब दोस्तों डिस्ट्रीब्यूटर कौन लोग होते है जैसे आपने मूवी शुरू होने से पहले देखा होगा yash raj film , dharma, eros entertainment, fox star studious etc.
ये लोग जो होते है वो मूवी को डिस्ट्रीब्यूट कराते है फिर दोस्तों डिस्ट्रीब्यूटर को मूवी रिलीज़ कराना है तो वे लोग सब डिस्ट्रब्यूटर (sub-distributor) के पास जाते है।
sub डिस्ट्रीब्यूटर- sub डिस्ट्रीब्यूटर वे लोग होते हैं जो किसी भी थिएटर में मूवी को रिलीज़ करवाते है वे अलग-अलग reigon में अलग-अलग sub disrtibutor होते है जैसे मुंबई के अलग बंगलुरु के अलग इसी तरह वे लोग decide करते है की ये मूवी कौन से थिएटर में लगेंगे या फिर कौन से थिएटर में नहीं लगेंगे। अब दोस्तों जानेंगे थिएटर वाले को क्या कहते है जिनका थिएटर है उन्हें क्या कहते हैं तो उन्हें exhibiotior कहते है। अब दोस्तों sub डिस्ट्रीब्यूटर जो होते है वे exhibitor के पास जाते हैं और उनसे एग्रीमेंट कर लेते है यानी decide कर लेते है की ये मूवी आपके थिएटर में लगेंगे तो इनमे जो भी कमीशन होंगे उनमे आपस में बाँट लेंगे जैसे किसी छोटे थिएटर में जिनमे एक ही छोटे परदे होते हैं तो उनमे कमीशन इस तरह होते है जैसे 25:75 मतलब 25% money थिएटर वाले रख लेंगे और 75% मनी sub डिस्ट्रीब्यूटर, डिस्ट्रीब्यूटर और प्रोडूसर के पास चला जाता है यदि प्रोडूसर ने पहले से ही मूवी बेच दिया तो वो तो निकल गए बाहर अब जितने भी प्रॉफिट होगा वो सारा प्रॉफिट डिस्ट्रीब्यूटरतक ही जायेगा। दोस्तों आपने देखा ही होगा बड़े बड़े जो मॉल होते है जहां डबल पर्दा होता है तो अगर वहाँ कोई मूवी रिलीज़ होता है तो वहाँ का कमीशन अलग होता है जैसे कोई मूवी अगर वहाँ लगाया गया तो पहले सप्ताह में जो टिकट से प्रॉफिट होगा वो 50:50 का होगा मतलब वहाँ टिकट से जो प्रॉफिट होगा वो आधा- आधा का होगा यानी आधा पैसे थिएटर वाले रखेंगे और आधा पैसे sub डिस्ट्रीब्यूटर और डिस्ट्रीब्यूटर और प्रोडूसर के पास जायेंगे अगर प्रोडूसर ने पहले से ही मूवी बेच रखा है तो प्रॉफिट डिस्ट्रीब्यूटर तक ही जायेगा फिर दूसरे सप्ताह में 60:40 का होगा यानी 60% मनी थिएटर वाले रखेंगे और 40% मनी डिस्ट्रीब्यूटर तक जायेगा इसी तरह तीसरे सप्ताह में 70:30 मतलब 70% मनी थिएटर वाले रखेंगे और 30% मनी डिस्ट्रीब्यूटर के पास जायेगा। इससे बड़े बड़े थिएटर वाले जो होते है उनका काफी ज्यादा प्रॉफिट हो जाता है। दोस्तों इसी तरह है ये बॉलीवुड इंडस्ट्री की पूरी की पूरी कहानी उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आया होगा पसंद आया तो दोस्तों कर दीजिये शेयर अपने दोस्तों में धन्यवाद !
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Bollywood film kaise bante hain
दोस्तों मान लीजिये मुझे एक बॉलीवुड (bollywood) मूवी बनवाना है। और उसके लिए लगेंगे पैसे तो दोस्तों एक फिल्म बनाने में सबसे ज्यादा पैसे कौन लगाता है जानेंगे आगे अब यहां बात आती है एक बॉलीवुड फिल्म की जो लगभग 3घंटे की होती है और ये तीन घंटे की मूवी किन-किन लोग मिलकर बनाते है । दोस्तों अगर मुझे बनवानी है एक फिल्म तो मुझे जाना होगा सबसे पहले एक प्रोडूसर् (producer) के पास।
producer kaun hota hai
प्रोडूसर(producer) वे होते है जो पूरी फिल्म बनाने में जितनी पैसों की खर्च होती वे सारे खर्च खुद अकेला करते है और प्रोडूसर(producer) का फायदा कैसे होता है और ये कुल कितने पैसे खर्च करते है जानने इस पोस्ट के निचे तो पोस्ट को कंटिन्यू पढ़ते रहिये।अब बात आती है प्रोडूसर कितना पैसा लगाएगा एक फिल्म को बनाने में तो दोस्तों सबसे पहले जान लेते है की एक बॉलीवुड फिल्म बनती कैसे है।
Bollywood film kaise banti hai
दोस्तों एक फिल्म बनाने से पहले बनायीं जाती है फिल्म की पूरी स्टोरी जो की सारा कुछ इस स्टोरी में लिख दिया जाता है जैसे इस फिल्म में कौन से डायलॉग suitable रहेगा कौन से गाने या फिर कौन से हीरो(actor), हीरोइन (heroine) सूटेबल रहेंगे इस फिल्म में सारा कुछ लिख दिया जाता है अब दोस्तों बन जाते है पूरी की पूरी स्टोरी एक फिल्म का। दोस्तों स्टोरी लिखने समय ये धयान रखना होता है की इस फिल्म में कौन से एक्टर सूटेबल रहेगा उन्ही को सेलेक्ट किया जाता है मान लीजिये सलमान खान इस फिल्म के लिए सूटेबल रहेंगे तो उन्हें देना होगा 70 करोड़ अगर शाहरुख़ खान या आमिर खान है तो उन्हें देना होगा 60 करोड़ और यदि अक्षय कुमार है तो उन्हे देना होगा 50 करोड़ एक्टर सेलेक्ट होने के बाद बात आती है लोकेशन का कहाँ-कहाँ ये फिल्मे सूट करना है तो उसके सारे खर्च जैसे जिस लोकेशन में जाकर फिल्म सूटिंग करना तो जाने का खर्च फिर किसी होटल में रुकेंगे वे सारे लोग तो सारा खर्च प्रोडूसर को ही करना पड़ता है अब मान लीजिये एक हार्ड डिस्क में पूरी मूवी बनकर हो जाती है तैयार। अब भला मूवी में जितने खर्च होने थे सारा का सारा खर्च प्रोडूसर ने कर दिया अब बात आती है की प्रोडूसर ने 100cr. खर्च कर दिए एक मूवी बनाने में अब प्रोडूसर कैसे कमाएंगे अभी तक तो उन्होंने सिर्फ खर्च किया अब आगे जानेंगे प्रोडूसर का फायदा कैसे होगा। दोस्तों प्रोडूसर(producer) के बाद जरुरत होती है एक डिस्ट्रीब्यूटर (distriobutor) का डिस्ट्रीब्यूटर कौन होता है जानेंगे पूरे डिटेल में।
Distributor kaun hota hai
डस्ट्रीब्यूटर वे होते है जो किसी भी मूवी को रिलीज़ करवाते है जैसे प्रोडूसरत ने एक मूवी तो बनाकर हार्ड डिस्क में रख दिया अब बात आती है की मूवी को रिलीज़ कैसे कराना है तो जो मूवी को रिलीज़ करवाते है वही डिस्ट्रीब्यूटर होते है। डिस्ट्रीब्यूटरत मूवी कैसे रिलीज़ कराते है अब आगे जानेंगे। दोस्तों मान लीजिये डिस्ट्रीब्यूटर को मूवी रिलीज़ कराना है तो डिस्ट्रीब्यूटर को वो मूवी खरीदना होगा जो प्रोडूसर ने बनाया था मान लीजिये प्रोडूसर ने मूवी 100cr में बनाई थी अब वो वही मूवी डिस्ट्रीब्यूटर को 150cr में बेचेंगे तभी तो प्रोडूसर को फायदा होगा नहीं तो अगर वो 100cr से निचे बेचेंगे तो उनका नुकशान हो जयेगा अब डिस्ट्रीब्यूटर ने मूवी 150cr में खरीद लिया प्रोडूसर से अब पूरी मूवी आ गयी डिस्ट्रीब्यूटर के हाथ में अब यहां प्रोडूसर का कोई काम नहीं है अब सारा काम डिस्ट्रीब्यूटर ही करेंगे जैसे मूवी का प्रचार (ad) बड़े बड़े पोस्टर या टेलीविज़न में की ये मूवी इतने तारिक को लगने वाले है इन थिएटर में जरूर जाए देखने तो मान लीजिये डिस्ट्रीब्यूटर ें 25-30cr लगा दिए मार्केटिंग खर्च में अब भला डिस्ट्रीबटोर तो अभी सिर्फ खर्च ही कर रहा है उनका कोई फायदा नहीं हो रहा डिस्ट्रीब्यूटर का फायदा कैसे होगा जानेंगे डिटेल में।
दोस्तों जब डिस्ट्रीब्यूटर ने प्रोडूसर से मूवी खरीद लिया उसके बाद उन्होंने मार्केटिंग में भी खर्च कर दिया। प्रोडूसर ने तो डिस्ट्रीब्यूटर को मूवी बेचकर फायदा कमा लिया अब जानेंगे की डिस्ट्रीब्यूटर का फायदा कैसा होगा दोस्तों आपने callar tune तो सुना ही होगा जब आप किसी को कॉल करते हैं तो जो गाना या डायलॉग बजता है वही caller tune होता तो डिस्ट्रीब्यूटर ने बड़ी -बड़ी जो caller tune की कंपनियां होती है उन्हें मूवी या सांग को बेचकर पैसे कमा लेते है फिर कभी-कभी आपने देखा होगा की थिएटर में मूवी रिलीज़ होने से पहले टेलीविज़न के कोई चैनल में उन मूवी का सांग बजते हुए तो वहाँ भी डिस्ट्रीब्यूटर ने उस चैनल को मूवी के सांग या डायलॉग बेचकर पैसा कमा लेते है फिर सबसे बड़ी तो sattelite (टेलीविज़न में जो चैनल होता है मूवी की वही sattelite होती है ) को बेचकर डिस्ट्रीब्यूटर पैसा कमा लेते हैं दोस्तों क्या आपको पता है थिएटर में मूवी रिलीज़ होने से पहले टेलीविज़न चैनल जो होती है मैक्स, ज़ी सिनेमा वो उस मूवी को खरीद लेते है डिस्ट्रीब्यूटर से इससे उनका फायदा हो जाता है अब कभी कभी आपने देखा होगा पेट्रोल पंप में जो मूवी रिलीज़ होने वाला है उनका गाना या डायलॉग बज रहा है तो उनके राइट्स अलग होते है उससे भी डिस्ट्रीब्यूटर का फायदा हो जाता है फिर कभी-कभी आपने बस या फ्लाइट में सफर कर रहे होते है तो वहां भी वही मूवी दिखाई जाती है जो मूवी थिएटर में रिलीज़ होने वाला है अब इनके राइट्स अलग होते है यहां भी डिस्ट्रीब्यूटर ने बस या फ्लाइट वालों को मूवी या सांग बेचकर पैसा कमा लेते है।
दोस्तों मूवी थिएटर में रिलीज़ होने से पहले प्रोडूसर और डिस्ट्रीब्यूटर पेपर में पैसा छाप लेते है दोस्तों यहां एक बात और है अगर प्रोडूसर ही डिस्ट्रीब्यूटर है उनको आता है की मूवी को रिलीज़ कैसे करना है तो उनका और ज्यादा फायदा है क्योंकि आगे जितना भी प्रॉफिट होगा वो सारा का सारा प्रोडूसर के पास आएगा अगर वही डिस्ट्रीब्यूटर होगा तो नहीं तो अगर जितना फायदा होगा वो पहले डिस्ट्रीब्यूटर को जायगे फिर उसमे कट होकर प्रोडूसर को जायेगा तो यहां एक और बड़ी बात हो गयी। अब दोस्तों डिस्ट्रीब्यूटर कौन लोग होते है जैसे आपने मूवी शुरू होने से पहले देखा होगा yash raj film , dharma, eros entertainment, fox star studious etc.
ये लोग जो होते है वो मूवी को डिस्ट्रीब्यूट कराते है फिर दोस्तों डिस्ट्रीब्यूटर को मूवी रिलीज़ कराना है तो वे लोग सब डिस्ट्रब्यूटर (sub-distributor) के पास जाते है।
sub distributor kaun hota hai
sub डिस्ट्रीब्यूटर- sub डिस्ट्रीब्यूटर वे लोग होते हैं जो किसी भी थिएटर में मूवी को रिलीज़ करवाते है वे अलग-अलग reigon में अलग-अलग sub disrtibutor होते है जैसे मुंबई के अलग बंगलुरु के अलग इसी तरह वे लोग decide करते है की ये मूवी कौन से थिएटर में लगेंगे या फिर कौन से थिएटर में नहीं लगेंगे। अब दोस्तों जानेंगे थिएटर वाले को क्या कहते है जिनका थिएटर है उन्हें क्या कहते हैं तो उन्हें exhibiotior कहते है। अब दोस्तों sub डिस्ट्रीब्यूटर जो होते है वे exhibitor के पास जाते हैं और उनसे एग्रीमेंट कर लेते है यानी decide कर लेते है की ये मूवी आपके थिएटर में लगेंगे तो इनमे जो भी कमीशन होंगे उनमे आपस में बाँट लेंगे जैसे किसी छोटे थिएटर में जिनमे एक ही छोटे परदे होते हैं तो उनमे कमीशन इस तरह होते है जैसे 25:75 मतलब 25% money थिएटर वाले रख लेंगे और 75% मनी sub डिस्ट्रीब्यूटर, डिस्ट्रीब्यूटर और प्रोडूसर के पास चला जाता है यदि प्रोडूसर ने पहले से ही मूवी बेच दिया तो वो तो निकल गए बाहर अब जितने भी प्रॉफिट होगा वो सारा प्रॉफिट डिस्ट्रीब्यूटरतक ही जायेगा। दोस्तों आपने देखा ही होगा बड़े बड़े जो मॉल होते है जहां डबल पर्दा होता है तो अगर वहाँ कोई मूवी रिलीज़ होता है तो वहाँ का कमीशन अलग होता है जैसे कोई मूवी अगर वहाँ लगाया गया तो पहले सप्ताह में जो टिकट से प्रॉफिट होगा वो 50:50 का होगा मतलब वहाँ टिकट से जो प्रॉफिट होगा वो आधा- आधा का होगा यानी आधा पैसे थिएटर वाले रखेंगे और आधा पैसे sub डिस्ट्रीब्यूटर और डिस्ट्रीब्यूटर और प्रोडूसर के पास जायेंगे अगर प्रोडूसर ने पहले से ही मूवी बेच रखा है तो प्रॉफिट डिस्ट्रीब्यूटर तक ही जायेगा फिर दूसरे सप्ताह में 60:40 का होगा यानी 60% मनी थिएटर वाले रखेंगे और 40% मनी डिस्ट्रीब्यूटर तक जायेगा इसी तरह तीसरे सप्ताह में 70:30 मतलब 70% मनी थिएटर वाले रखेंगे और 30% मनी डिस्ट्रीब्यूटर के पास जायेगा। इससे बड़े बड़े थिएटर वाले जो होते है उनका काफी ज्यादा प्रॉफिट हो जाता है। दोस्तों इसी तरह है ये बॉलीवुड इंडस्ट्री की पूरी की पूरी कहानी उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आया होगा पसंद आया तो दोस्तों कर दीजिये शेयर अपने दोस्तों में धन्यवाद !
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